Written by Shrikant Malewar March 14, 2022
Investing in Mutual Funds: बाजार की उतार-चढ़ाव से घबराने वाले निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड निवेश का बेहतर विकल्प है. इसे डीमैट खाते के जरिए महज कुछ क्लिक्स के जरिए शुरू किया जा सकता है और इसके चलते म्यूचुअल फंड में डीमैट खाते के जरिए निवेश तेजी से बढ़ रहा है लेकिन निवेशकों को इसके बाद किसी अन्य मोड में कोई ट्रांजैक्शन करने में दिक्कतें आ सकती हैं. अगर आप डीमैट खाते के जरिए किसी म्यूचुअल फंड योजना में एसआईपी (सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान) के जरिए निवेश करते हैं तो आपको कभी-कभी खास दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. जैसे कि अगर आप डीमैट खाते के अलावा अन्य तरीकों जैसे कि वेबसाइट के जरिए भी एसआईपी को रोकना चाहें तो नहीं कर पाएंगे.
वहीं अगर आप चाहते हैं कि आपने अपने डीमैट खाते से म्यूचुअल फंड में जो भी पैसे लगाए हैं, उसका स्टेटमेंट ऑफलाइन जाकर एएमसी (एसेट मैनेजमेंट कंपनी) के ऑफिस से हासिल कर लें तो नहीं पा सकेंगे. वहां जाकर आपको पता चलेगा कि डीमैट खाते के जरिए किए गए निवेश के किसी भी ट्रांजैक्शन का स्टेटमेंट ऑफलाइन नहीं हासिल कर सकेंगे.
म्युचुअल फंड्स मे निवेश के लिये KYC है जरुरी
अन्य मोड में इसलिए ट्रांजैक्शन की पड़ सकती है जरूरत
निवेशकों के लिए डीमैट खाते के जरिए म्यूचुअल फंड के यूनिट्स की खरीद-बिक्री सुविधाजनक है लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि आप इसमें लॉग इन नहीं कर पा रहे हों या जिस तरीके से आप ट्रांजैक्शन करना चाहते हैं, उसका विकल्प डीमैट खाते में उपलब्ध नहीं है या डीमैट सर्विस प्रोवाइडर/डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) ने सर्विसेज रोक दी हैं तो अन्य मोड से ट्रांजैक्शन करने की जरूरत पड़ जाती है. हालांकि इसमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इंवेस्टमेंटमंत्र के निदेशक अजय शर्मा ने कुछ दिक्कतों के बारे में जानकारी दी है.
डीमैट धारकों को हो सकती हैं ये दिक्कतें
- डीमैट फार्म में रखे म्यूचुअल फंड निवेश की बिक्री के लिए निवेशकों को अपने डीपी (डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट) के पास डिलीवरी स्लिप्स जमा करनी होती है जो आमतौर पर दिक्कतों भरा होता है.
- डीमैट खाते में रखे म्यूचुअल फंड यूनिट्स का फिजिकल स्टेटमेंट एएमसी या रजिस्ट्रार से नहीं ले सकते हैं और उन्हें डीपी से ही यह मिलेगा.
- अगर आपने सभी म्यूचुअल फंड में निवेश फिजिकल फॉर्म में खरीदे हैं और बेचे हैं तो कैपिटल गेन्स के स्टेटमेंट्स को रजिस्ट्रार के पास से हासिल कर सकते हैं. हालांकि इसके विपरीत डीमैट में रखे गए यूनिट्स का हिसाब-किताब निवेशकों को खुद रखना होता है.
- डीमैट फॉर्म में म्यूचुअल फंड्स की खरीद और बिक्री पर ब्रोकर को ब्रोकरेज शुल्क चुकाना होता है और एनुअल मेंटेनेंस चार्ज (एएमसी) के अलावा डीपी को ट्रांजैक्शन चार्ज भी देना होता है
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Shrikant Malewar, Team MMFs