Adopt these savings tips in the new year, there will be no shortage of money नए साल में अपनाएं बचत ये टिप्स, नहीं होगी पैसों की कड़की

Investment Tips: वेतनभोगी लोगों से जब भी बात करों तो ज्यादातर लोग यही कहते हैं कि तनख्वाह तो महीने के शुरू के 10 दिन में ही खत्म हो जाती है, बाकि 20 दिन बड़ी मुश्किल से गुजरते हैं. पूरा साल यही कहते-कहते बीत गया कि खुश्की चल रही है, इतनी महंगाई में पैसे कैसे बचाएं. नए साल में ये तमाम बातें दोहरानी ना पड़ें इसके लिए नए कलैंडर के साथ हमें अपनी सेविंग्स प्लानिंग को भी नए तरीके से शुरू करना होगा.

श्रीकांत मलेवार(Malewar Mutual Funds, MD&CEO) का मानना हैं कि नया साल आ रहा है, इसलिए एक आम आदमी को नई फाइनेंशियल प्लानिंग भी करनी होगी. पिछले दो सालों में हमने जो देखा है और झेला है, उससे सबक लेकर नए तरीके से वित्त योजनाएं बनानी होंगी.

नए साल में करें बचत की शुरूआत
श्रीकांत मलेवार(Malewar Mutual Funds, MD&CEO) कहते हैं कि नए साल शुरू हो रहा है तो निश्चित ही तनख्वाह भी जेब में आ ही चुकी होगी. इसलिए पहली जनवरी से बचत की शुरूआत कर डालें. नए साल में नया संकल्प लें कि आप बचत करेंगे और इसकी संकल्प को पूरा करते हुए चाहे बैंक में, चाहे म्यूचुअल फंड में, जैसी भी सहूलियत हो बचत की शुरूआत कर दें.

बचत का सही तरीक भी यही है कि सैलरी आते ही सबसे पहले उसका एक हिस्सा बचत में ट्रांसफर कर दें. अभी तक होता यह आ रहा है कि तमाम खर्चे काटने के बाद जो पैसे बचते हैं उसकी बचत की जाती है. लेकिन नए साल में इस आदत को उल्टा कर दें. पहले बचत करें और फिर जो पैसा बचे उसमें पूरे महीने का खर्चा चलाएं.

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बचत की आदत डालें
इस साल अपने जीवन में एक आदात तो जरूर डाल दें और वह है बचत करने की आदत. आप नियमित बचत करेंगे कुछ समय बाद आपको इसकी आदत पड़ जाएगी. यह मत सोचो कि पैसे कम हैं तो इतनी कम बचत का क्या फायदा. ध्यान रखें कि बचत छोटी-बड़ी नहीं होती, वह सिर्फ बचत होती है. पाई-पाई जोड़कर भी बड़ी रकम इकट्ठा की जा सकती है. बचत के लिए आदत के साथ अनुशासन भी पैदा करना होगा. अनुशासन नियमित बचत और बचत में छेड़छाड़ नहीं करने का. जो भी पैसा बचा रहे हैं उसे छेड़ने की गलती कभी ना करें.

खर्चों में पहचान और लगाम
श्रीकांत मलेवार(Malewar Mutual Funds, MD&CEO) कहते हैं कि खर्चे दो तरह के होते हैं. जरूरत और चाहत पर होने वाले खर्चे. हमें अपनी जरूरत और चाहत में पहचान करना आना चाहिए. आप जरूरतों पर खर्च करें, न कि चाहतों पर. कुछ लोग इस आदत को कंजूसी कह सकते हैं लेकिन जीवन में बड़े टारगेट को हासिल करने और हमेशा चिंता मुक्त रहने के लिए कंजूसी भी जरूरी है. हालांकि फालतू की चीजों पर खर्च ना करना कंजूसी नहीं बल्कि समझदारी होती है. जिस चीज का मन करें उसे खरीदना समझदारी नहीं बल्कि फिजूली खर्ची होती है.

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इमरजेंसी फंड तैयार करें
श्रीकांत मलेवार(Malewar Mutual Funds, MD&CEO) सलाह दे रहे हैं कि नए साल में इमरजेंसी फंड भी तैयार करें. यह फंड कम से कम तीन महीने के घर खर्च के बराबर होना चाहिए. अगर आपके घर का खर्च 50,000 रुपये महीने का है तो 1.5 लाख रुपये का इमरजेंसी फंड बनाएं और उसे बैंक में सुरक्षित रख दें. परिवार में किसी की बीमारी, आर्थिक नुकसान या फिर कारोबार पर खराब असर होने की दशा में यह फंड काम आएगा. और आपकी बचत पर कोई असर नहीं होगा.

निवेश करें
बचत करना शुरू कर दिया है तो उस पैसे को सही जगह निवेश करना भी शुरू कर दें. निवेश के लिए म्यूचुअल फंड, आवर्ती जमा, सावधि जमा, पोस्ट ऑफिस की सेविंग्स स्कीम आदि कोई भी ऑप्शन चुन सकते हैं. निवेश से पहले तमाम योजनाओं की स्टडी करें और आपके लिए सबसे बेहतर निवेश के माध्यम का चुनाव करें,इसके लिए एक्सपर्ट की सलाह ली जा सकती है. आप हमें सम्पर्क कर सकते है

ज्यादातर लोग निवेश न करने के बहाने बनाते हैं
बहुतांश लोग यह कह कर टाल देते हैं कि अभी दूसरे खर्चे है, अभी हमारे पास कुछ भी बच नहीं रहा है, अभी बहुत लोन चल रहे हैं ,ऐसे अनेक बहाने करके इन्वेस्टमेंट एवं बचत को टालते रहते हैं, अगर म्यूच्यूअल फंड के माध्यम से इन्वेस्टमेंट की जाए तो ₹100 प्रतिमाह (SIP)भी निवेश किया जा सकता है. इससे बेहतर विकल्प और क्या हो सकता है?

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